सवाल यह उठता है कि महानता की परिभाषा क्या है। अकबर हजारों लोगों ही हत्या करके महान कहलाता है और महाराणा प्रताप हजारो लोगों की जान बचाकर भी महµ दरअसल, हमारे देश का इतिहास अंग्रेजों और कम्युनिस्टों ने लिख लिख है उन्होंने उन-उन लोगो को महान बनाया जिन्होंने भारत पर अत्याचार किया या जिन्होंने भारत पर आक्रमण करके उसे लूटा, भारत का धर्मांतरण किया और उसका मन-मर्दन कर भारतीय गौरव को नष्ट किया। अकबर ने रूपमती के लिये मालवा-निम को खून में डुबो दिया था मेवाड़ के मह महान राजपूत नरेश महाराणा प all'avore एक ऐसा राजपूत सम्राट जिसने में रहना पसन्द किया लेकिन कभी विदेशी मुगलों की दासता स all'avore उन्होंने देश, धर्म और स्वाधीनता के लिये सब न न्यौछावerv
कितने लोग हैं जिन्हें अकबर की सच all'avore a प्रताप के काल में दिल्ली में तुर्क सम all'avore a इसके लिये उसने नीति और अनीति दोनों का ही सहारि लय 30 वर्षो के लगातार प all'avore
महाराणा प्रत Schose लेकिन उनकी tiva उनके पिता महाराजा उदयसिंह और माता राणी जीव। करंवंवंं वे राणा सांगा के पौत्र थे। महाराणा प all'avore महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी संवतर के के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है।।।।।।।।। है है है है है है है है है है है है है है है है है है ज ज जiato
महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुंदा में हुआ । राणा प्रत Schose हालांकि तब मेवाड़ भी उनके अधीन ही था। महाराणा उदयसिंह ने अपनी मृत्यु के समय छोटे पुत पुत्र को गद्दी सौंप दी थी जोकि नियमों के विरूद्ध था। उदयसिंह की tiva उनके राज्य की राजधानी उदयपुर थी। Tra il 1568 e il 1597 tra il XNUMX e il XNUMX. उदयपुर पर यवन, तुर्क आसानी से आक्रमण कर सकते है, ऐसा विचार कर तथा सामन्तों की सलाह से प्रताप ने उदयपुर छोड़कर कुमर कुमरभलगढ़ और गोगुंदर गोगुंदर के के के पह पह पह इल इल केन केनrig.
महाराणा प all'avore चेतक बहुत ही समझदार और वीर घोड़ा था जिसने अपनी जान दांव पर लगाकर 26 फुट गहरे दरिया से कूदकर महारणा प्रत की क रक्षा की थी हल हलाटी में में क मंदिrig di राजस्थान के कई परिवार अकबर की शक्ति के आगे घुटने टेक चुके थे किन किन्तु महाराणा प all'avore जंगल-जंगल भटकते हुये तृण, मूल व घास, पात की रोटियों में गुजर, बसर कर पत्नी व बच्चे को विकराल परिस्थितियों में अपने साथ रखते हुये भी उन उन कभी धैर्य नहीं नहीं नहीं नहीं
महाराणा प्रताप का हल all'avore अपनी पर्वतीय युद्ध नीति के द्वारा उन्होंने अकबर को कई बार मात दी यद्यपि जंगलो और पहाड़ों में रहते हुये महाराणा प्रताप को अनेक प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ा, किन्तु उन्होने अपने आदर्शों को नहीं छोड़ा महाराणा प्रताप के मजबूत इरादो ने अकबर के सेना नायकों के सभी प्रयासो को नाकाम बना दिया। उनके धैर्य और साहस का ही असर था कि 30 वर्ष के लगातार प all'avore महाराणा प्रताप का सबसे प all'avore महाराणा प्रताप उदयपुर, मेव Schose उनके कुल देवता एकलिंग महादेव है। मेवाड़ के राणाओं के आराध्यदेव एकलिंग महादेव का मेवाड़ के इतिहµ एकलिंग महादेव का मंदिर उदयपुर में स्थित है। मेवाड़ के संस्थापक बप्पा रावल ने 8 वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण करवाया और एकलिंग की मूर्ति प्रतिसापन की थी थी।।।।।।।।।।।।।।। थी थी tivamente
महाराणा प्रताप ने जिस समय सिंहासन ग्रहण कियµi बारह वर्ष के संघर्ष के बाद भी अकबर उसमें कोई परिवर्तन न कर सका और इस तरह महाराणा प्रताप समय की लंबी अवधि के संघर्ष के बाद मेवाड़ को मुक्त करने में सफल रहे और ये समय मेवाड़ के लिये एक स्वर्ण युग साबित हुआ। मेवाड़ पर लगा हुआ अकबर ग्रहण का अंत 1585 ई- में हुआ। उसके बाद महाराणा प्रताप उनके राज्य की सुख-सुविधा में जुट गये, परन्तु दुर्भाग्य से उसके ग्यारह वर्ष के बाद ही 19 जनवरी 1597 में अपनी नई राजधानी चावंड में उनकी मृत्यु हो गई।
अकबर महाराणा प्रताप का सबसे बड़ा शत all'avore a एक वह था जो अपने क्रूर सम all'avore a महाराणा प्रताप की मृत्यु पर अकबर को बहुत ही दुःख हुआ क क्योंकि हृदय से वो महाराणा प all'avore यह समाचार सुन अकबर रहस्यमय तरीक से हो गय गया और उसकी आंख में आंसू आ आ गये गये अपनी मातृभूमि की स्वाधीनता के लिये अपना पूरा जीवन बलिदान कर देने वाले ऐसे वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप और उनके स्वामीभकात को कोटि कोटी नमन!
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