ईश्वर द्वारा प्राप्त देह सज सजाने-संवारने में मनुष्य जितना समय लगाता है, उतना समय तो भी और कार्य में नहीं नहीं लगता। प्राचीन समय में सौन्दर्य को स स्त्री से जोड़ा जाता था और इसी कारण से स all'avore परन्तु वर्तमान समय में स्त्री-ieri दोनों के बाहरी सौन्दर्य पर विशेष जोर दिया जाता है। परशुराम तंत्र में नारी के साथ-साथ पुरूष सौन all'avore इसमें यह tiva
सौन्दर्य अर्थात् सुन all'avore a वाणी, वस्त्र आदि से भी स्पष्ट हो। वाणी में संगीत का अनुभव हो, नेत्रों में दृष दृष हो हो, जो हृदय में समा जाये यही तो सौन्दर्य का आकर्षण है जीवन की जो सौन्दर Quali
परशुराम तंत्र में पुरूष के सौन all'avore a लम्बा कद, उन्नत ललाट, दिव्य और तेजस्वी आंखें, उभरा हुआ वक्षस्थल, लम्बी मजबूत भुजायें और उसके साथ-साथ गठीला बदन, अपार साहस और खेतों में जूझने की क्षमता रखने वाला ही सही रूप में पौरूषमय व्यक्तित्व कहलाता है। पौरूषता तो एक ऐसा सौन्दर्य है जो वास्तव में ही दर्शनीय और आकर्षक सम्मोहक युक्त हो एक ऐसा सौन्दर्य जिसे देखते ही पूर्ण समर्पण के लिये विवश हो जाये, एक ऐसा सौन्दर्य जो वास्तव में ही अदम्य साहस का प्रतिबिम्ब हो।
इसमें बताया गया है कि ईश्वर ने पुरूष और नारी को एक समन्वित स्वरूप में बनाया है जहाँ जीवन में पुरूष सौन्दर्य की आवश्यकता है वही नारी सौन्दर्य में भी मधुरता, प all'avore मांसल शरीर, गोरा रंग, उन्नत ओज। एक ऐसा शरीर जो अपने आप में खिले गुल गुलाब के समान हो सौन्दर्य शब्द तो अपने आप में जादू सा असर दिखाता है है संसार में शायद कोई ऐसा व all'avore सौन्दर्य और स्त्री तो अपने में एक दूसरे के पर्याय ही है पर यह सौन all'avore
A proposito di ciò che è successo, ढ़का हुआ है। चाहे ऊपर से जो भी दिखाई दे पर वह सौन्दर्य की परिभाषा से कोसो दूर है सौन्दर्य एक आनन्द का स्रोत और मधुरता का प all'avore भारतीय शास्त्रों ने सौन्दर्य को जीवन का उत्सामह ਾाै
सौन्दर्य साधना हमारे जीवन में रही ही नहीं है, सौन्दर्य साधना का तात्पर्य जीवन के हर स्वरूप में सुन्दरता, श्रेष्ठता और पूर्णता को प्राप्त करना है, हम धन के पीछे भागते हुये एक प्रकार से अर्थ लोभी बन गये हैं, जिसकी वजह से जीवन की अन्य वृतियां लुप्त हो गयी है। इसके विपरीत यदि हम अपने शास्त्रों को क क देखे तो देवताओं ने और हमारे पूर्वजों ने प्रमुखता के साथ सौन्दर्य साधन समायें समापन की की है सौन सौन सौन है है दिय uire
जीवन तो वही है, जिसमें एक छल-छलाहट हो, जीवन के प्रति, उमंग, उत्साह, जोश, नित्य नवीनता हो, किसी भी प्रकार की कोई कुण्ठा न हो और ऐसा जीवन प्राप्त करना ही जीवन की श्रेष्ठता है। जहां सामान्य मानव के लिये ऐसा जीवन प all'avore a
यह साधना सम्पन्न करने से, जीवन प प्रति उत all'avore
Sadhana Vidhaan
È chiaramente scritto nel Parshuram Tantra che questo sadhna è altamente adatto a coloro che vogliono ottenere successo, rispetto, fama e fama nella vita, che vogliono elevarsi in alto, donne che vogliono vivere la vita con rispetto per se stesse.
6 जून अपरा एकादशी के पर्व पर यह विशिष्ट साधना सम्पन्न करे। स्नान कर शुद्ध वस्तर धारण करे, पूजा स्थान में अपने अपने सामने एक बाजोट पर रति अनंग यंत्र, सौन्दर Quali
अब निम्न मंत्र से यंत्र पर लाल पुष्प व 7 बार आचमनी से जल चढ़ चढ़ाते हुये निम्न मंत्र का उच्चारण करे-
फिर अनंग शक्ति माला से निम्न मंत्र का 9 माला मंत all'avore
मंत्र जप के पश्चात् यंत all'avore a साधना समाप्ति के बाद माला को एक तक धारण करे व दूसरे दिन सभी सामग्री को मंदिर या गुरू चरणों में अर्पित करे।
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