पुराने जम Schose इसीलिये हमारे प्राचीन चिकित्सा ग all'avore मट्ठे की कढ़ी बड़ी स्वादिष्ट और पाचक होती है। उत्तर भारत में मट्ठे की पौष्टिक लस्सी बड़े चाव से पी ज जाती है स्वास्थ्य की दृष्टि से इसकी उपयोगिता देखते हुये मट मट्ठा पीने का प्रचलन इतनी तेजी बढ़ बढ़ा रहा है कि शहरें में इसकी दुकानें खुलने लगी लगी है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है tivamente दूध से दही बनने पर उसके गुण बहुत अधिक बढ़ जाते हैं और दही जब मट्ठे कµi अब तो इस तथ्य को अन्य चिकित्सा पद्धतियां भी स्वीकारने लगी हैं हैं जीवशास्त्रियों का कहना है कि मट्ठे में मौजूद 'लैक्टिव' नामक जीवाणु आंतों में क्रियाशील हानिकारक कीटाणुओं का समूल नाश कर देता है है। है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है हैiato हैunt यह शरीर के विषैले तत all'avore साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को भी बढ़ाता ।
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद all'avore
दूध से मलाई निकाल लेने के बाद दही बिलोकर मथकर मक all'avore इसे तैयार करने के लिये दही का ऊपर वाला हिस all'avore से मल मलाई निकाल लेने के बाद बचे हुये दही में उसकी चौथाई मात्र पानी डालते हुये मथा जाये तो मक मकiché उसे निकाल कर अलग रख दिया जाता है। इस तरह मलाई और मक all'avore
आयुर्वेद के अनुसार मट्ठा स all'avore यह जठराग्नि पेट में मौजूद अग्नि या गर्मी जो अन्न को पचाती है, उस पाचन-तंतʻè
मट्ठे में खटाई होने से यह भूख को बढ़ाता है, आहार में रूचि उत्पन्न करता है और आहार को पचाता भी है है
जिनका पाचन ठीक से न होता हो खट्टी डकारें आती औ और पेट फूलने-आफरा चढ़ने से छाती में घबराहट होती, उनके मट मट nello अमृत के के समान है।। है है है है
È anche molto utile nell'ittero.
मट्ठा पीने से शारीरिक शक्ति बढ़ती, शरीर में स्फूर्ति आती है है, मन प्रसन्न रहता है, और चेहरे पर कांति रहती है।।।।।।।।।।।।।।। tivamente
गर्मी के दिनों में यह धूप और लू के हानिकारक प्रभाव से बचा कर शीतलता देता है
मट्ठा वायु का न Schose
वातरोग में औ और सेंधा नमक से युक्त खट्टे मट्ठे का सेवन उत्तम माना गया है
ब्लडप्रेशर, दमा, गठिया आदि बिमारियां मट्ठे के सेवन से पास नहीं फटकती हैं व यह रक्त और मांस की वृद्धि करता है है है है है है है है है है
Stipsi- मट्ठा पीने वाले को कब्ज की शिकायत हो ही नहीं सकत। यदि पेट दो-तीन दिन से कड़ा हो रहा हो, तो चुटकी अजव अजवाइन पीस कर मट्ठे में मिलाकर पीने से शीघ्र आराम मिलता है है
Diarrea- दस्त होने पर शहद के साथ मट्ठे का सेवन करने से लाभ होता है एक कप मट्ठे में एक चम्मच शहद पर्याप्त है। दिन में तीन-चार बार लेने से दस्त ठीक हो जाता है।
emorroidi- चाहे कफ हो या वातज या कफवात, उसके मट्ठा श्रेष्ठतम औषधियों में से एक है है एक भाग सेंधा नमक और तीन भाग भुना हुआ जीरा लेकर बारीक पीस लें लें इस मिश्रण को गाय के दूध तैय तैयार दही त ताजा मट all'avore
Ittero- गाय के दूध से बने मट्ठे में एक चौथाई भाग में गन्ने का रस मिलाकर नित्य सेवन करना पीलिया रोग में ही लाभकारी होता है।।। है है है है है है है है है है है है है है
obesità- त्रिफला, आवंला, हरड़, और बहेड़ा चूर्ण 3 से 4 ग्राम की मा amici
Punto bianco- स्नान के समय चने के बेसन में मट्ठा मिलाकर कुछ सप्ताह नित्य लगाते रहने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं हैं
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