भारतीय tiva भगवत्पाद शंकराचारulareय जी-ने 'सौन्दर्य लहरी' में भगवती की स स्तुति करते हुये कहा है, कि यदि शक शक से युक युक न न हों हों हों हों तो उनमें स साम रूप से हलचल भी संभव है है है।। युक न हों हों हों हों तो तो उनमें उनमें सens शक्ति ही शिव की आत्मा है। बिना आत्मा के शरीर जिस प्रकार निर्जीव पड़ा रहता है, उसी प्रकार से शिव भी शक्ति के बिना निर्जीव रहते हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हते हते हते
यदि सही अर्थों में देखा जाय, तो सृष्टि का प all'avore शक्ति तत्व की आराधना-उपा करने का यों तो कोई विशेष क काल या क्षण नहीं है, क QI होना ही पड़ता है। फिर भी कुछ क्षण विशेष में प्रकृति ने मां की अमृत वर्षा को साधक निरन्तर अनुभव कर सकता है। ऐसा ही क्षण होता है गुप्त नवरात्रि का, जिसके समʻ nello
Durante il periodo Gupta viene celebrata la grande adorazione che è annuale.
तस्यां ममैतन्माहात्म्यं श्रुत्वां भक्ति सृननतििस्यां
Fu liberato da tutti gli ostacoli e dotato di ricchezza grano e figli
Un uomo sarà senza dubbio nella Mia grazia.
अर्थात् 'गुप all'avore a जब भगवती स्वयं अपने साधक को ये सब कुछ प्रदान करने के लिये प्रयत्नशील रहती हैं, तो साधक के लिये तो मात्र यही क्रिया शेष रहती है कि वह उचित विधि से उनकी साधना कर उनसे सब कुछ प्राप्त कर ले।
भौतिक रूप से वह देवों के समान सभी क का उपभोग स्थायी रूप से कर पाने में सक्षम होता है उच्चकोटि के योगियों-सनebयासियों ने भी शक्ति तत्व की साधना सम्पन्न की औ और उस परब्रह्म को प्राप्त कर सकने में समर्थ हुये।। हुये हुये हुये हुये हुये हुये हुये हुये में में में में में सम समias स्वयं राम ने भी रावण से युद्ध में प प्राप्त करने के लिये लिये 'शक्ति तत्व' की ही साधना सम्पन्न की थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी की की की की की की की की की की की
प्रत्येक tiva अन्य देवताओं की साधना जह Schose
जिसकी साधना करने से हाथों-ाथ फ़ल मिलत है, सभी स्वरूपों में रक्षा करने, धन प all'avore भगवती जगजननी की इसी प्रकार प्रति क्षण सूक्ष्म या स्थूल उपस्थिति मानना ही यथार्थ में 'आस्था' और इस प्रकार मानते हुये सदैव प्रमुदित रहना ही 'साधना' या 'उपासना' है, क्योंकि 'मां' को अपने शिशु से मुस्कान की अपेक्षा होती है, किसी आरती या धन्यवाद की नहीं।
अतः जो साधक शक्ति तत्व की साधना सम all'avore भगवती दुर्गा के स्वरूप का वर्णन करना तो सहज नहीं है, क्योंकि जिनकी आभा कोटि सूर्य के समान प्रभावान हो, जिसमें समस्त ब्रह्माण्ड की गति, चेतना, समाहित हो, वे प्रकट हो भी जायें, तो भी साधक में यह सामर्थ्य नहीं होता कि वह उनके उस परब्रह्म स्वरूप का विवेचन कर सके, उनकी स्कुतसि
भगवती के इसी करूणामय स all'avore यह मात्र साधना दीक all'avore इस बार नवरात्रि में ऐसे काल खण्ड भी निर्मित हो रहे हैं, जो विशेष हैं, यह साधना दीक्षा न सिर्फ आपकी बाधाओं से आपकी समस्याओं से छुटकारा दिलाने वाला ही नहीं अपितु आपकी मनोंकामनाओं को भी पूर्ण करने में समर्थ होगी।
हर युवक, युवती का यह मन होता है की सुन सुन्दर, मनमोहक, आकर्षक, षोड़शी, कामदेव अनंग सौन all'avore यद्यपि सौन्दर्य प्रसाधनों से प all'avore a यही नहीं सुन्दर केश, लम्बा कद भी स साधना द all'avo
नवरात्रि काल में वंसत पंचमी रात्रि को पूर्व दिशा की ओर मुख करें, रेशमी पीले प पर संकल्प लेकर बैठ जायें। सामने चौकी पर गुल Schose सुमुखी चैतन्य सौन्दर्य माला से निम्न मंत्र का 7 माला मंत्र जप करें-
नवरात्रि के सम्पूर्ण काल में मुद all'avore आप अपने शरीर में एक नवीन शक्ति का संचरण अनुभव कइ।॰े नवरात्रि के बाद मुद all'avore
शत्रुओं की कुदृष्टि, ईर्ष्या की भावना आदि से जीवन में तनाव एवं समस्यायें उत्पन्न होती रहती है। कुछ व्यक्तियों की तो प्रवृत्ति ही प प्रकार की होती है कि इधर टोका नहीं उधर अनिष्ट या हानि का सामना करन subito निरन्तर अर्नगल हो रही कुक all'avore
विघ्नहर्ता दिवस बुधवार को दक्षिण दिशा की ओर मुख कर, काले आसन पर बैठ जाये। ऐसी साधनायें क Schose काला रंग सभी प्रकार की तरंगों का विरोध करता है। सामने तेल का दीपक जलायें तथा दुर्मुखी गुटिका को स all'avore
रात्रि को ही माला और गुटिका को आसन लपेटक लपेटकर घर से दूर किसी निर्जन स्थान में जल दें दें इससे पूरे वर्ष आपका घर आपदाओं से सुरक्षित रहेगाा
म Schose हमारे समाज में विवाह बाधा की समस्या को लेकर युवक, युवती के लिये विकट समस्य subito शिक्षित, सुन्दर, प्रतिभावन होने पर भी उचित वर-वधु नहीं मिल प पाते। अतः वसन्तोमय जीवन प्राप्ति हेतु साथी का वरण भद all'avore
पूजा स्थान में शुद्ध भाव से बैठ जायें। घी का दीपक जलाये और सुसंस्कार युक्त वर-वधू की प्राप्ति हेतु संकल्प लेकर बाजोट पर सुगन्धित पुष्पों के आसन पर भद्रा चक्र को स्थापित कर, एकाग्रचित हो कर निम्न मंत्र की अनंग कामदेव गौरी माला से रविवार गौरी तृतीया पर्व पर 9 माला मंत्र जप सम्पन्न करें -
भद्रा चक्र को अपनी बाजू अथवा गले में धारण करें। नवरात्रि की पूर्णता पर दोनों सा amici
वंसतोत्सव जहां एक ओर आनन्द, रस का प्रतिदान करता है, वही यह एक अद्वितीय दीक्षा, साधना व उच्चकोटि की उपासना का दिवस है, इस पर्व पर भगवान श्री कृष्ण राधामय कर्म ज्ञान शक्ति की अधिष्ठात्री माँ सरस्वती की आराधना की जाती है। भगवती सरस्वती की उपासना प्रकांतर से सतोगुण उप उपासना है, अतः जीवन में जो भी स्थितियां सतोगुण से सम all'avore अध्यात्म के क all'avore
आज का युग प्रतिस्पर्धा का है, जो जितना अधिक जूझेगा, वह उतना ही आगे जायेगा, जो जितना अधिक ज्ञानार्जन करेगा, उतना ही अधिक प्रतिभाशाली होगा, सांसारिक ज्ञान और किताबी ज्ञान के बीच संतुलन बनाकर जो आगे बढ़ने का प्रयास करेगा, उसके समक्ष सफलता के द्वार खुले होंगे। आज का युग ऐसा ही है, जब आप को कड़ी कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है, अपनी स्मरण शक्ति को उच उच्तर पर विकसित करने की आवश्यकता है है क क आज आज आज आज आज scopa Multi talento को महत्व देता है, ऐसे में आपकी संतान का चतुर्मुखी विकास होना आवश्यक ही नहीं अनिवार्य हो गया है, क्योंकि आने वाले वर्षों में वही लोग अपना वर्चस्व बना पायेंगे, जिवन भीतर अपूर्व जीवट शक्ति होगी क्योंकि बिना ज्ञान शक्ति के जीवन में किसी भी तरह से सुस्थितियां नहीं आ सकती। अतः हम अपने बच्चों को विशेष रूप से चेतनाशील बनइ।नाशील बनइ। उनके भीतर ऐसी चेतना का बीजारोपण करें, कि व वाले समय में जब वे वट वृक वृक्ष रूप में तैयार हो तो, उससे समाज, परिवार का हित सर्व स्वरूप में सिद सिद हो सकें सकें सकें सकें
केवल सद्गुरू कृपा से ही साधक आद्या शक्ति स्वरिता ँ महासरस्वती की चेतना से जीवन में शक्ति सम्मोवहशन A causa di ciò che è successo, è stato detto che ज्ञान, सद्बुद्धि, वाक् चातुर्यता, कौशल, स्मरण शवकॿ ृद्धि होगी।
भगवती सरस्वती कामरूपा सौभाग all'avore दोनों के tiva
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