सर्दियों का मौसम आ गया है, अब सीजन ही ख खान पान में भी बदल बदलाव आएंगे सर्दियां आते ही उत्तर भारत में घरों में पारम्पारिक रूप से बनने वाले लड्डू आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होते है, नानी दादी के नुस्खों से बनाए जाने वाले ये लड्डू जायके के साथ सेहतमंद बनाए रखते हैं। ठंड के समय पाचन शक्ति अच्छी रहती है और भूख भी खुलकर लगती है है
इसलिए इस वक्त हैवी खाना भी आसानी से हजम हो जाता ह सर्दियों में न सिर्फ गोंद के लड्डू शरीर को बीमारियों से बचाएं रखते हैं बल्कि ये शरीर को नियमित तापमान में बनाए रखता है, इस लड्डू में पड़ने वाले चमत्कारी जड़ी बूटियां जैसे कालीमिर्च, सौंठ, अश्वगंधा और बूरा, पीपल शरीर को बिमारियों से बचाने के साथ मस्तिष्क को तेज बनाने में सहायक होता है।
आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी बूटियां है जो मनुष्य के पूरे स all'avore आज हम गोंद के बारे में बात करेंगे, किसी के तने को चीरा लगाने पर उसमें से जो स all'avore पौष्टिक होता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिये इसका सेवन गर्मियों में करना बेहद लाभकारी माना जाता है, औषधीय गुण होते हैं हैं
आयुर्वेदिक दवाइयों में गोली या वटी बनाने के भी प पावडर की बाइंडिंग के लिए गोंद का इस्तेमाल होता है है सर्दी के दिनों में बेहतर सेहत के लिए गोंद का सेवन बेहद लाभकारी साबित होता है है इसे अलग-अलग तरह से इस्तेमाल किया जाता है। आप चाहें तो भुनी गोंद खांये, पंजीरी या फिर गोंद के लड्डू बनाकर खाएं। इन दिनों में अगर ऐसा करेंगे, ठंड के मौसम गोंद के सेवन कµi
नीम का गोंद रक्त की गति बढ़ाने वाला, स all'avore इसे ईस्ट इंडिया गम भी कहते है, इसमें भी नीम के औषधीय गुण होते है है
पलाश के गोंद से हड्डियां मजबूत होती है, पलाश का 1 से 3 ग्राम गोंद मिश्री युक्त दूध अथवा आँवले के रस के साथ लेने से बल एवं वीर्य की वृद्धि होती है तथा अस्थियाँ मजबूत बनती हैं और शरीर पुष्ट होता है। यह गोंद गर्म पानी में लेने से दस्त व संग्रहणी में आराम मिलता है
आम की गोंद स्तंभक एंव रक्त प्रसादक है। इस गोंद को गर्म करके फोंड़ों पर लगाने से पीब पककर बह जाती है और आसानी से भर जाता है आम की गोंद को नीबू के रस में मिलाकर चर्म रोग पर लेप किया जाता है है
सेमल का गोंद मोचरस कहलाता है, यह पित्त का शमन करत का शहन करत अतिसार में मोचरस चूर्ण 1 से 3 ग्राम को दही के साथ प्रयोग करते हैं हैं श्वेतप्रदर में इसका चूर्ण समान भाग चीनी मिलाकर प्रयोग करना लाभकारी होता है दंत मंजन में मोचरस का प्रयोग किया जाता है।
हींग भी एक गोंद है जो फेरूला कुल (अम्बेलीफेरी, दूसरा नाम एपिएसी) के तीन पौधों की जड़ों से निकलने वाला यह गोंद रेजि़ननुमा होता है है है है है है है है फेरूला कुल में ही गाजर भी आती है।
हींग दो किस्म की होती है एक पानी में घुलनशील होती जबकि दूस दूसरी तेल में में किसान पौधे के आस-पास की मिट QI इस चीरे लगे स्थान से अगले करीब 3 महीनों तक एक दूधिया रेजि़न निकलता रहता है है इस अवधि में लगभग एक किलोग्राम रेजि़न निकलता है। हवा के संपर्क में आकर यह सख्त हो जाता है।
प्रपोलीश यह पौधों द्वारा श all'avore a
ग्वार फली के बीज में ग QI इसके साथ ही अन्य कई व्यंजनों में इसक इसका प्रयोग किया जाता है
गुग्गुल एक बहुवर्षी झाड़ीनुमा वृक्ष है तने व शाखाओं से गोंद निकलत निकलता है, जो सगंध, गाढ़ा तथा अनेक वर्ण वाला होता है, यह जोड़ों के द दiché के के निव निव निव निव निव निव में में में हैrigo
इसके अलावा सहजन, बेर, पीपल, अर्जुन आदि पेड़ों के में में औषधीय गुण मौजूद मौजूद होते है
बबूल पेड़ों के पत्ते, फूल, छाल व हर हिस all'avore बबूल का गोंद- बबूल गोंद को इंग्लिश में अकेसिया (Acacia) कहा जाता है। अकेसिया का अर्थ अरबी में गोंद ही होता है। यह गोंद बबूल के पेड़ के तनों और शाखाओं से निकलहा ईहा इस गोंद का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाई बनाने के साथ ही लड्डू बनाने के लिए भी किया जाता है औषधीय गुणों से भरपूर बबूल गोंद को आप तरह के स्वास्थ लाभ के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं
बबूल गोंद के फायदे- आज हम जिस चमत्कारी फायदे के बारे में बताने जा रहें उसे गोंद कहते हैं हैं गोंद कतीरे का प्रयोग कब्ज दूर करने, त्वचा रोग या फिर प्रसव के बाद लगने वाली कमजोरी आदि लिये किया जाता है है। है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है हैens अगर किसी को हृदय रोग का खतरा है तो वह इसके प्रयोग से दुर हो जाता है
गोंद कतीरा का सेवन करने से पहले शरीर को पूरी तरह से हाइड्रेट रखें। इससे नसें और आंत ब्लॉक होने से बचेंगी। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इसको खाया भी जा सकता है और लगाया भी। यह उन लोगों में सांस लेने की समस्या पैदा कर सकता है, जिन्हें किलिया की छाल (सोपबर्क) से एलर्जी है, इसलिए इसका सेवन करने से पहले अपने चिकित चिकित से परामरश करें।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं डॉक all'avore सलाह दी जाती है कि आप किसी भी दवा का सेवन करने से कम से कम एक घंटे पहले इस जड़ी बूटी का सेवन करें। लेकिन आप tiva
सुबह-सुबह गोंद के 1-2 लड्डू खाकर दूध पीने श शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है है
गोंद या इससे बनी चीजें खाने से हृदय रोग के खतरे कम होते हैं, साथ ही मांसपेशियां मजबूत होती हैं हैं
गोंद के लड्डू स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पारंपरिक तौर पर खिलाए जाते हैं, इससे दूध उत्पादन में वृद्धि होती है है है स साथ ही लड लड लड में दूस दूसiché
गर्भवती महिलाओं के लिए गोंद अच्छा माना जाता है, यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में सहायक है
गोंद को पंजीरी में मिलाकर खा सकते हैं, आटे, मखाने, सूखे मेवे और चीनी को गोंद के साथ भूनकर पंजीरी बना सकते हैं।। हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं
नारियल के बूरे, सूखे खजूर, खसखस द दाने और बदाम को गोंद के साथ घी भूनक भूनकर लड्डू बनाए जा सकते हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं
आप चाहें तो गोंद की चिक्की भी बना सकते, गोंद के लड्डू की तरह ही चिक्की भी सर्दियों में काफी फायदेमंद होती है है है है है है है है है है है है है होती
गोंद भूनते/तलते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि यह जले नहीं और अत्यधिक भूरे रंग का न हो जाए, अगर ऐसा हुआ तो इसका साव कड़वा हो जाएगा।
इम्यूनिटी बढ़ाए प्रातः दूध के साथ एक लड्डू खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क all'avore यह सर्दी के मौसम में शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है। मांसपेशियों को मजबूत करता है, गोंद का सेवन रोग के खतरे को कम करता है, साथ ही इसमें मौजूद प्रोटीन और कैल्शियम होता है है है है है है है है है है है
गोंद के tiva इसके अलावा इसमें मौजूद फाइबर्स से डाइजेशन इम्प्रूव होता है है पेट की समस्या दूर होती है। बच्चों के लिए सर्दियों के दिनों में लड्डु का सेवन कराने से बच्चे हष्ट पुष्ट होते है है
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