ग्रहण काल IST प्रातः 11:32 से 05:34 कुल अवधि 06:02 मिनट
साधना की प्रक्रिया उतनी कठिन नहीं होती, महत्त्व तो उस क्षण विशेष क का होत है, भारतीय ऋषियों ने काल ज्ञens
अवतारों के जीवन में भी ग्रहण की महत्ता के प्रसंग देखने को मिलते मिलते हैं भगवान राम ने अपने गुरू से दीक्षा ग्रहण के समय ही प्राप्त की थी, इसी प्रकार भगवान श्रीकृष्ण ने भी सान्दीपन से दीक्षा जब प्राप्त की थी तो समय ग्रहण काल चल रहा था क्योंकि ग्रहण के समय ही तपस्यांश को, दीक्षा या साधनात्मक प्रवाह को पूरी तरह ग्रहण किया जा सकता है।
चन्द्रमा, मन, भावना, कल्पना शक्ति, ऐश्वर्य, संगीत, कला, सौन्दर्य, माधुर्य, चरित यश, कीर Quali चन्द्र ग्रहण के समय वायुमंडल में विशेष प्रकार की शक्ति व all'avore a
चन्द्रमा अपनी शीतलता, कोमलता और सौन्दर्य के लिये प्रसिद्ध है, इसलिये चन्द्रमा व्यक्ति को सौन्दर्य, समस्त भौतिक-सुखों और गृहस्थ सुखों को देने वाला है, अतः चन्द्र ग्रहण के दिन का विशेष समय साधक के लिये महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि उन क्षणों में तरंगों द्वारा ग्रहों से जुड़ जाती है और जिस व्यक्ति का भी इन तंरगों से सामंजस्य हो जाता है, वह में सफल होत होता ही है है।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। tivamente
चन्द्र ग्रहण का समय साधना सम्पन्न करने की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ मुहुर्त ही नहीं होता बल्कि सफल होने का निश्चित सोपान लेकर आता है ग्रहण। व्यक्ति इस का सही उपयोग कर अपनी बाधाओं, समस्याओं और परेशानियों से सदा के लिये छुटकारा पा सकता है, क्योंकि समय का अपने-आप में विशेष महत्व होता है और इस दिन का भली-भांति उपयोग कर साधक अपने लिये सफलता के द्वार खोल लेता है ।
इस बार चन्द्र ग all'avore a कार्तिक पूर्णिमा का दिवस अपने आप पूर्ण चैतन्य और प्रभावशाली होता ही है क्योंकि इस पर्व विशेष पर पवित्र सरोवर नदियों में साधक स्नान कर अपने आपको पवित्र निर्मलमय करने की सुचेतना विस्तार करते है।।।।।।।। है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है हैiato स Schose
ग्रहण की महत्ता इसलिये सर्वाधिक है, क्योंकि उस समय इस प्रकार का गुरूत्वाकर्षण प्रभाव पैदा होता है, जो साधक व ग्रह के बीच तारतम्य स्थापित करता है उसके प्रभाव से साधक द्वारा किये गये मंत्र व साधना गुरूत्वाकर्षण शक्ति स्वरूप में जुड़ जाती है और उसका श्रेष्ठ फल प्राप्त होता है। मनुष्यों में कुछ व्यक्ति जीवन में उच्च पद, उच्च स्थिति प all'avore a इसके मूल में आकर्षण, सम्मोहन क्रिया ही है।
I desideri fondamentali di ogni persona sono i seguenti
॰ आकर्षक दिखना, सम all'avore
॰ शत्रु पर पूर्ण विजय तथा स्वास्थ्य उल्लासित जीय
॰ कार्य में सफलता, सम्मान एवं क्षेत्र, समाज व देश में पूर्ण ख्याति प all'avore
॰ इच्छित जीवन साथी, आज all'avore
॰ ऐश्वर्य युक्त जीवन के साथ-साथ आत्म कल्याण, यह सब चन्द्र में ही समाहित है
साधक सफेद वस्त्र धारण करें, ऊनी पर पूर्व दिशा की ओर मुख कर बैठें और अपने सामने सफेद वस्तبें ढ़के ब बाजोट पर समरमोहन शक्ति सौन्दरय यंतर सापित करें यंत्र का पंचोपचार पूजन करें तथा सम्मोहन वशीकरण माला से निम्न मंत्र की ग्रहण काल अवधि 3 माला मंत्र जप से श्रेषाठता आ सकेगी। सकेगी सकेगी सकेगी सकेगी सकेगी सकेगी सकेगी सकेगी सकेगी सकेगी सकेगी सकेगी सकेगी सकेगी सकेगी सकेगी
साधना की पूर्णता के बाद यंत्र व माला को गुरू चरणों में अर्पित कर दें इस साधना से जन्म कुण्डली में दोष समाप्त हो जाते हैं और बालारिष्ट योग का प all'avore
सामान्य गृहस्थ के जीवन में समस्यायें, कठिनाइयां व संघर्ष अधिक होती है, जिस कारणवश वह हर क्षण दुःखी व तनावग्रस्त ही दिखाई देता है, वे व्यक्ति इस क्षण का लाभ उठाकर अपने जीवन से उन समस्याओं और बाधाओं का निराकरण कर सकते हैं और इस दृष्टि से सामान्य गृहस्थ व्यक्तियों के लिये ग ग्रहण वरदान स्वरूप होता है है
परन्तु यह उनके लिये ही है, जो ऐसे समय का सही उपयोग करना जानते हैं, जो क्रियाशील हैं, जिनका चिंतन जीवन में कुछ भिन्न, श्रेष्ठ, उत्तम और एकदम से आगे बढ़कर प्रगति को पूर्णता से प्राप्त करना ही है केवल वे ही साधक, शिष्य ऐसे अवसर को अपने जीवन में पूर्णता से आत्मसात कर पाते हैं हैं यदि मनुष्य जीवन पर विचार किया जाये तो जीवन की मूल शक्ति ही आकर्षण, सम्मोहन और वशीकरण है
जिसमें इस शक्ति का अभाव होता है, वह अपना जीवन ूप रूप से गतिशील नहीं क कर पाता है और जिसमें यह शक शक विशेष रूप से होती है है है वे अपने जीवन को श शendere है।
प्रथम क्रिया मन शक्ति को उच्च स all'avore जब इन दोनों शक्तियों का सहयोग होता है तो परिवर्तित होने लगता है है उसे प्रत्येक कारrnoय में सिद्धि प्राप्त होने लगती है, समाज, परिवार, पत्नी, संतान के मध वह सम्मानित व पूजित पूजित होता है।। है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है हैiato
सौन्दर्य, आकर्षण उसके ही पूरक बन जाते हैं। उसे किसी भी क्षेत्र में पराजय का मुंह नपीं देडनां देडनातखना सम्मोहन आकर्षण शक्ति तो प all'avore साथ ही निरन्तर कामदेव अनंग सौन all'avore जिससे वह अपना सुखद जीवन व्यतीत कर सके। सही अर्थो में ऐसा ही सांसारिक जीवन प्राप्त करने का भाव चिन्तन ही जीवन की पूर्णता है।
अतः कार्तिक पूर्णिमा महापर्व पर नियोजित चन्द्रग्रहण के शुभ समय प्रातः 11:32 am से 05:34 pm तक कुल 06 घण्टे 02 मिनट तक सक्रिय रहेगा अतः इस चन्द्रग्रहण अवसर पर सद्गुरूदेव जी स्प्टम रूप में पूजा साधना, हवन सम्पन्न कर अप्सरा सौन्दर्य सम्मोहन चन्द्र ज्योत्सना दीक्षा प्रदान करेंगे। जिससे जीवन की nessuna निशि्ंचत रूप से साधक स्वयं अपने जीवन को पूर्ण रूपेण सौन्दर्य स्वरूप प्रसन्नता युक्त आनन्दमय चेतनाओं से सरोबार कर सकेंगे।
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