गृहस्थ जीवन का आदर्श स्वरूप भगवान सदाशिब और माता पार्वती ही हैं हैं इसलिये प्रत्येक गृहस all'avore युवतियां संस्कारित, सुन्दर वर प all'avore वहों युवक सुन्दर, उच्च चरित्र, सुसंस all'avore भगवान शिव की आराधना सभी युवक-युवती, गृहस्थ सबके लिये उपयोगी है है
शिव तत्व को जाग्रत करने क॑ लिए अधिक महत्व शिवरात्रि महोत्सव का माना गया है क्योंकि इन दिवसों पर अपने जीवन की न्यूनताओं को दूर कर पूर्ण शिवमय बनने की क्रिया प्रा carica होती है है है है है है है है है है है है है सौन्दर्य, सरलता, क्षमा, करूणा और ऐश all'avore योग और भोग को एक साथ धारण करने का सामरulare किसी किसी भी अन अन्य देव में नहीं है है अर्द्धनारीश्वर स्वरूप ही भगवान शिव का यथारैरहपचचचचचिर्द्धनारीश्वर विष पान कर लेने की घटना भगवान शिव जन जन-जन म मानस में अपनी पहचान बनाये हुए है और वे ही तो जो गुरू रूप में धरा पर अवतीर्ण होते हैं हैं गुरू साक्षात् भगवान शिव ही कहे गए हैं।
“शिवरात्रि' जो आनन्द की रात्रि है, जो मनुष्य के अन्धकारमय व घोर कालिमा युक्त जीवन को प्रकाशवान कर देने की रात्रि है, जो आत्मा को परमात्मा में लीन कर देने की रात्रि है, जो पृर्णता की रात्रि है, जो श्रेष्ठता की रात्रि है, जो शिव शक्ति के सामंजस्य की रात्रि है, जो शिवत्य को प्राप्त कर लेने की रात्रि है… और ऐसे शिवत्व को प्राप्त कर लेना ही तो जीवन का परम सौभाग्य है, परम आनन्द है, जीवन की सर्वोच्चता है और यह सर्वोच्चता, यह आनन्द, यह सौभाग्य जीवन में प्राप्त हो सकता है शिव शक्ति को धारण करने से से
भगवान शिव का गृहस्थ जीवन प्रत्येक कामनाओं ईे प्कामनाओं ईे पूं पुत्र के रूप में भगवान गणपति और कार्तिकेय हैं। और पत्नी के रूप में सौभाग्य प्रदान करने वाली देवी पार्वती, स्थान भी पूर्ण शांति युक्त हिमालय हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं जह Schose गृहस्थ व्यक्तियों के लिए शिव-गौरी आदर्श स्वरूप ईईूप भगवान शिव को ही सृष्टि का प्रथम पुरूष माना गया ह। जिन्होंने अपने साथ हर समय शक्ति को संयुक्त रहा ि भगवान शिव के बिना शक्ति अधूरी औ और शक्ति के बिना शिव अधूरे हैं और जहां शिव-शक्ति का मिलन होता है है वहां जीवन है, आनन्द है, पूर्णता है। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर नवीनता, आनन्द, परिवार, पुत्र, ऐश all'avore इस सौभाग्य को अपने जीवन में उतारने के लिए उच उच्चकोटि का दिवस कौन सा हो सकता है? जीवन के प्रत्येक क्षण को पूर्ण रसमय, आनन्द युक्त, शौर्य, सम्मान, प्रतिष nello
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