आज का युग प्रतिस्पर्धा का है, जो जितना अधिक जूझेगा, वह उतना ही आगे जायेगा, जो जितना अधिक ज्ञानार्जन करेगा, उतना ही अधिक प्रतिभाशाली होगा, सांसारिक ज्ञान और किताबी ज्ञान के बीच संतुलन बनाकर जो आगे बढ़ने का प्रयास करेगा, उसके समक्ष सफलता के द्वार खुले होंगे। आज का युग ऐसा ही है, जब आप को कड़ी कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है, अपनी स्मरण शक्ति को उच उच्तर पर विकसित करने की आवश्यकता है है क क आज आज आज आज आज scopa Multi talento को महत्व देता है, ऐसे में आपकी संतान का चतुर्मुखी विकास होना आवश्यक ही नहीं अनिवार्य हो गया है, क्योंकि आने वाले वर्षों में वही लोग अपना वर्चस्व बना पायेंगे, जिवन भीतर अपूर्व जीवट शक्ति होगी क्योंकि बिना ज्ञान शक्ति के जीवन में किसी भी तरह से सुस्थितियां नहीं आ सकती। अतः हम अपने बच्चों को विशेष रूप से चेतनाशील बनइ।नाशील बनइ। उनके भीतर ऐसी चेतना का बीजारोपण करें, कि व वाले समय में जब वे वट वृक वृक्ष रूप में तैयार हो तो, उससे समाज, परिवार का हित सर्व स्वरूप में सिद सिद हो सकें सकें सकें सकें
केवल सद्गुरू कृपा से ही साधक आद्या शक्ति स्वरिता ँ महासरस्वती की चेतना से जीवन में शक्ति सम्मोवहशन A causa di ciò che è successo, è stato detto che ज्ञान, सद्बुद्धि, वाक् चातुर्यता, कौशल, स्मरण शवकॿ ृद्धि होगी।
भगवती सरस्वती कामरूपा सौभाग all'avore दोनों के tiva
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